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दिल परेशान बहुत है Dil Pareshan Bahoot Hain |
दिल परेशान बहुत है
दिल परेशान है शायरी
ज़िन्दगी की कशमकश से परेशान बहुत है,
दिल को न उलझाओ ये नादान बहुत है।यूं सामने आ जाने पर कतरा के गुजरना,
वादे से मुकर जाना उसे आसान बहुत है।
दिल परेशान बहुत है
यादें भी हैं, तल्खी भी है, और है मोहब्बत,
तू ने जो दिया दर्द का सामान बहुत है।
अश्क कभी, लहू कभी, आँख से बरसे,
बेदाग़ मोहब्बत का ये अंजाम बहुत है।
तूने तो सुना होगा मेरे दिल का धड़कना,
छूकर भी देख लेना ये बेजान बहुत है।
बहुत तड़प लिए अब उससे बिछड़ कर,
पा जाएँ खोने वाले को अरमान बहुत है|
तू ने जो दिया दर्द का सामान बहुत है।
अश्क कभी, लहू कभी, आँख से बरसे,
बेदाग़ मोहब्बत का ये अंजाम बहुत है।
दिल परेशान है
तूने तो सुना होगा मेरे दिल का धड़कना,
छूकर भी देख लेना ये बेजान बहुत है।
बहुत तड़प लिए अब उससे बिछड़ कर,
पा जाएँ खोने वाले को अरमान बहुत है|
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