🌳 पर्यावरण और सनातन 🕉️
🌳क्या कभी आपने सोचा है क्यों इस देश के नेताओं ने पीपल बरगद नीम आदि पेड़ों को लगवाना बंद किया आइये जाने।
🌳 पिछले 68 सालों में पीपल, बरगद, पकड़ी और नीम के पेड़ों को सरकारी स्तर पर लगाना बंद किया गया है
🌳 पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड का 100% एबजार्बर है, बरगद 80% और नीम 75%
🌳अब सरकार ने इन पेड़ों से दूरी बना ली तथा इसके बदले विदेशी यूकेलिप्टस को लगाना शुरू कर दिया जो जमीन को जल विहीन कर देता है
🌳 आज हर जगह यूकेलिप्टस, गुलमोहर और अन्य सजावटी पेड़ों ने ले ली है।
अब जब वायुमंडल में रिफ्रेशर ही नहीं रहेगा तो गर्मी तो बढ़ेगी ही और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा ही
🌳 हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगाए तो आने वाले कुछ साल भर बाद प्रदूषण मुक्त भारत होगा।
🌳 वैसे आपको एक और जानकारी दे दी जाए, पीपल के पत्ते का फलक अधिक और डंठल पतला होता है जिसकी शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ आॅक्सीजन देते रहते हैं। पीपल वृक्षों का राजा कहते हैं
🌳 अब करने योग्य कार्य👇
🌳इन जीवनदायी पेड़ों (पीपल, नीम, बरगद आदि) को ज्यादा से ज्यादा लगायें तथा यूकेलिप्टस आदि सजावटी पेड़ों को न लगाएं व सरकार द्वारा भी इन पर प्रतिबंध लगाया जाये।
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