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Thursday, 27 December 2018

आखों की गहराई में तेरी खो जाना चाहता हूँ आज तुझे बाँहों में लेकर सो जाना चाहता हूँ..... Aankho Khi Gahrai Mein Teri Kho Jana Chahta Hoon......



आखों की गहराई में तेरी खो जाना चाहता हूँ आज तुझे बाँहों में लेकर सो जाना चाहता हूँ..... Aankho Khi Gahrai Mein Teri Kho Jana Chahta Hoon......


आखों की गहराई में तेरी खो जाना चाहता हूँ आज तुझे बाँहों में लेकर सो जाना चाहता हूँ तोड़ कर हदे मैं आज सारी अपना तुझे बना लेना चाहता 
हम पीना चाहते है.. उनकी निगाहों से, हम जीना चाहते हैं.. उनकी पनाहों में, हम चलना चाहते हैं.. उनकी राहों में, हम मरना चाहते हैं.. उनकी बाहों में!
सकून मिलता है जब उनसे बात होती है, हज़ार रातों में वो एक रात होती है, निगाह उठाकर जब देखते हैं वो मेरी तरफ, मेरे लिए वो ही पल पूरी कायनात होती है।
हमने जो की थी मोहब्बत वो आज भी है, तेरे जुल्फों के साये की चाहत आज भी है, रात कटती है आज भी ख्यालों में तेरे, दीवानों सी मेरी वो हालत आज भी है, किसी और के तसब्बुर को उठती नहीं. बेईमान आँखों में थोड़ी सी शराफत आज भी है। 

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