Hindustan आज़ादी के बाद भी आज़ाद नहीं
कहने को तो अपना इंडिया 15th August 1947 में आज़ाद हो गया था।
पर आपको लगता हैं आप आज़ाद हैं?
क्या आप आपनी life को बिना किसी के विचारों से बांध कर आज़ाद जीते हैं?
शायद ही कोई होगा जो आपनी life खुले विचारों से बिना किसी की पाबंदी से जीता हो।
आज के time का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा हैं हम किसके विचारों में उलझे हैं?
किसने हमको रोका हैं।
Hello Dosto.....
मैं अदिति शुक्ला आज कुछ इन्हीं बातों पर बात करूंगी।
कुछ दिन से मैं observe कर रही हूं, आज की दुनिया किसी इंसान को उसको आपने हिसाब से जीने ही ni देता। हर कोई एक दूसरे को control करना चाहता हैं आपने विचारों से।
कोई धर्म के नाम पर हर दूसरा आदमी को control करना चाहता हैं, तो कोई politics के नाम पर दूसरे के दिमाग को control करता हैं, तो कोई किसी के काम पर control करता हैं।
अरे भाई हमारी आज़दी कहां हैं?
अगर किसी का धर्म हिंदू हैं तो भाई लोग कहेंगे हिंदू हो तो हिंदू की बुराई, मुस्लिम हो तो मुस्लिम की बुराई, ईसाई हो तो ईसाई की बुराई...
अरे भाइयों जो जहां पैदा हुआ ये उसका नसीब हैं इंसान के पिछले जन्म के कर्म इस बात का निर्णय लेते है इंसान को कहां जन्म लेना और कहां नहीं।
धर्म कोई बुरा नहीं लेकिन कोई समझता ही नहीं, लेकिन हर धर्म में बुरे इंसान जरूर होते है जो न जाने किस मिट्टी के बने होते है अरे भाई तुम आपनी जिंदगी तो नरक में डाल रहे हो तो सबकी ही जिंदगी को नरक में ही धकेलेना चाहते हो?
ये तुम्हारे कर्म है तुमको जो मिला तुम कोई नहीं होते हो लोगो को अपना धर्म परिवर्तन के लिए किसका mind-wash करने वाले।
तुम कोई नहीं होते हो किसको को बताने वाले उसको कौनसा politics party join करना चाहिए बताने वाले।।
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