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Wednesday, 26 January 2022

Republic Day poetry जिसके खातिर देश - भक्तों


🙏जिसके खातिर देश - भक्तों 🙏



जिसके खातिर देश - भक्तों


Happy republic day

जिसके खातिर देश - भक्तों ने सब कुछ अपना वारा है,
तीन रंग के ऐसे ध्वज को शत् शत् नमन हमारा है!


जिसके खातिर गांधी जी ने निज वसनों को त्याग दिया,
अथक - प्रयासों के बल पर हमको भारत आजाद दिया!
जिसके खातिर भगत, बोस ने जान की न परवाह की,
हंसकर फांसी - फंदा चूमा, मुख से जौं लति आह न की!


परमवीर निर्भीक निडर नेताजी सबको प्यारे हैं,
लेकिन तीन - रंग के खातिर वो सबकुछ निज वारे हैं!
जिसकी कार्य - प्रणाली से नेहरू जी कुछ - कुछ रूठे थे,
देश के जन जन को प्यारे वो वीर सुभाष अनूठे थे!!


जिसके खातिर उन्नेे, सबकुछ अपना वारा है!
तीन - रंग के ऐसे ध्वज को शत् - शत् नमन हमारा है!!🇮🇳♥️🙏


by: @bhi....$hukla✍️


India Poetry, desh bhakti poem

गर मेरे शव को नहीं


गर मेरे शव को नहीं


Poem for india

गर मेरे शव को नहीं, तो मेरे शब्दों को इस तिरंगे का शृङ्गार करने का अवसर जरूर देना मेरी माँ!


मेरी भी ये हार्दिक इच्छा है कि मैं भी अपने वतन के लिए कुछ करूं, गर 'गोली' से नहीं, तो 'बोली' से कुछ करने का अवसर जरूर देना मेरी माँ!


गर मेरे शोणित से नहीं, तो स्वर से सजाने का अवसर जरूर देना मेरी माँ!

गर अपने लिए नहीं तो इस तिरंगे की खातिर कुछ कर सकूं, करने का अवसर जरूर देना मेरी माँ!


तिरंगा लहराता रहे अमन से, अनंत में, इस अमन को लहराने का अवसर जरूर देना मेरी माँ!!🇮🇳♥️🙏
✍️by:@bhi....$hukla


💓💓💓I Love My India💓💓💓







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